आरती समय प्रात: 6:00 बजे मंगला आरती
संध्या आरती संध्या आरती समय 7:30 बजे
दर्शन प्रात: 6:00 बजे से रात्रि 9:30 बजे तक होते है ।
हवन पूजन का समय- नवरात्रि में सुबह, शाम की आरती को छोड़कर संपूर्ण समय।।
नवरात्रि एंव विशेष पर्व पर दर्शन प्रात: 06:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक होते है।
मां बगलामुखी माता का भव्य मंदिर आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा में लखुंदर नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर धार्मिक और तांत्रिक दोनों ही तरह की साधनाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
यहां किया जाने वाला बगलामुखी हवन (अग्नि अनुष्ठान) दुनिया भर में प्रसिद्ध है। भारत और अन्य देशों से लोग दर्शन (पूजा), हवन और पूजा (प्रार्थना) के लिए आते हैं। यहां भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मंदिर के बारे में जाने
उज्जैन से लगभग 100 किलोमीटर दूरी पर आगर मालवा जिले के नलखेडा में मां बगलामुखी मंदिर स्थित है। यह मंदिर लखुन्दर नदी के तट पर स्थित है। मंदिर धार्मिक एवं तांत्रिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। मंदिर में स्थित मां बगलामुखी की मुर्ति पाण्डव कालीन है। इसका प्रमाण कालिका पुराण में बताया गया है। मंदिर में स्थित मुर्तियों में बीच में मां बगलामुखी , दाए महालक्ष्मी व बाऐं मां सरस्वती पीण्डी के रूप में विराजित है। द्वापर युग में अज्ञातवास के समय पाण्डवों को भगवान श्रीकृष्ण ने बताया था की तुम मां बगलामुखी की साधना करो । दस महाविद्याओं में मां बगलामुखी अष्टम महाविद्या है। मां बगलामुखी की साधना अचुक होती है। यह मंदिर 500 वर्ष से भी अधिक पुराना है। त्रिशक्ति मां का मंदिर भारत वर्ष में प्रधान सिद्ध पीठ नलखेड़ा में स्थित है। बेल पत्र, चंपा, सफेद आंकड़े, आंवले तथा निम्न एवं पीपल के वृक्ष एक साथ स्थित है । मंदिर के पीछे लखुन्दर नदी (पुरातत्व नाम लक्ष्मणा) का पानी वर्ष भर रहता है जो प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है। नदी के किनारे कई संतो की समाधियां स्थित है। पुर्व में बड़ी संख्या में संतो के रहने का प्रमाण मिलता है। मंदिर के चारों दिशाओं में पुर्व से श्मशान (मुक्तिधाम) है जो साधना एंव तन्त्र स्थल होने का प्रमाण है।
और जानेउज्जयिनी के श्री महाकालेश्वर भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। महाकालेश्वर मंदिर की महिमा का विभिन्न पुराणों में विशद वर्णन किया गया है।
श्री ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग. नर्मदा नदी के मध्य ओमकार पर्वत पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर हिंदुओं की चरम आस्था का केंद्र है ।
बैजनाथ महादेव मंदिर जिला आगर-मालवा के सुसनेर रोड (उज्जैन-कोटा रोड राष्ट्रिय राजमार्ग 27) पर स्थित है | बैजनाथ महादेव मंदिर जिला आगर-मालवा के प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थलों में से एक है | यह भारत का एकमात्र मंदिर है जिसे अंग्रेजो ने बनवाया था | मंदिर बाणगंगा नदी के किनारे स्तिथ है, इसका निर्माण कार्य सन 1528 में शुरू हुआ था और 1536 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था | मंदिर के शिखर की ऊंचाई लगभग 50 फीट है |
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निकट रेलवे स्टेशन शाजापुर से 58 किमी एवं उज्जैन से 98 किमी दूर है। उज्जैन रेल, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और बैंगलोर जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
नलखेड़ा आगर मालवा सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप यहाँ टैक्सी किराए पर लेकर या उज्जैन (98 किमी), इंदौर (156 किमी), भोपाल (182 किमी) और कोटा राजस्थान (191 किमी) से बस पकड़कर आ सकते हैं।
निकटतम देवी अहिल्या बाई होलकर हवाई अड्डा इंदौर, जो 156 किमी दूर है। यह मध्य प्रदेश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है और दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद, कोलकाता, बेंगलुरु, रायपुर और जबलपुर जैसे शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।